Kiran Desai’s first novel in 19 years earns spot on Booker Prize

19 साल बाद किरण देसाई की नई किताब ने किया धमाल, बुकर्स प्राइज 2025 की लॉन्गलिस्ट में नाम शामिल!

नई दिल्ली, 14 अगस्त 2025 — लगभग दो दशक बाद आई किरण देसाई की नई किताब The Loneliness of Sonia and Sunny ने सीधा बुकर्स प्राइज 2025 की लॉन्गलिस्ट में जगह बना ली है।

19 साल का इंतज़ार, और अब बड़ी वापसी

किरण देसाई ने 2006 में The Inheritance of Loss के लिए बुकर्स प्राइज जीता था। उसके बाद 19 साल तक उन्होंने कोई नई किताब नहीं लिखी। अब उनकी तीसरी किताब The Loneliness of Sonia and Sunny, जो 23 सितंबर 2025 को रिलीज़ होगी, 650 पन्नों की लंबी, बहुपरत कहानी है जिसमें दो भारतीय किरदारों की जिंदगी के समानांतर सफर को दिखाया गया है—एक न्यूयॉर्क में, दूसरा भारत लौट चुका है।

किरण देसाई और उनका साहित्यिक सफर

किरण देसाई का नाम हिंदी और अंग्रेजी साहित्य में एक सम्मानित पहचान रखता है। वे 2006 में प्रकाशित अपने उपन्यास “The Inheritance of Loss” के लिए दुनिया भर में मशहूर हुई थीं, जिसने उन्हें बुकर्स प्राइज जिताया था। इस उपन्यास ने न सिर्फ उन्हें अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई, बल्कि भारतीय साहित्य को भी वैश्विक मंच पर नई ऊंचाई दी।

उनका लेखन अक्सर प्रवासी जीवन, सांस्कृतिक पहचान, सामाजिक बदलाव और रिश्तों की जटिलताओं को गहराई से छूता है। यही वजह है कि उनकी किताबें पाठकों के दिल में लंबे समय तक अपनी जगह बनाए रखती हैं।

कहानी की झलक

हालांकि किताब का शीर्षक और पूरी कहानी अभी पूरी तरह उजागर नहीं की गई है, लेकिन उपलब्ध जानकारी के अनुसार यह उपन्यास आधुनिक समय के प्रवासी अनुभव, वैश्विक राजनीति और व्यक्तिगत पहचान के संघर्ष पर आधारित है। कहानी में कई ऐसे पात्र होंगे जिनकी जिंदगी महाद्वीपों के पार एक-दूसरे से जुड़ती है, और पाठक को एक भावनात्मक व बौद्धिक यात्रा पर ले जाती है।

किताब की शुरुआत एक रात की ट्रेन यात्रा में होती है, जहां सोनिया और सनी—जिनकी कभी उनके दादा-दादी ने शादी कराने की कोशिश की थी—फिर से मिलते हैं। लेकिन दोनों ही अपने-अपने अतीत और जज्बातों में उलझे रहते हैं।

  • सोनिया: वर्मोंट में पढ़ाई के बाद भारत लौटी, एक उपन्यास लिखने की कोशिश कर रही है, लेकिन एक पुराने रिश्ते की परछाइयों से घिरी हुई है।
  • सनी: न्यूयॉर्क में पत्रकार, मां के दबाव और पारिवारिक हिंसा से दूरी बनाए हुए।

कहानी महाद्वीपों और दशकों तक फैली है, जिसमें प्रवास, वर्ग, पीढ़ीगत संघर्ष और ग्लोबलाइजेशन के भावनात्मक असर जैसे मुद्दे शामिल हैं।

जजों की राय

बुकर्स प्राइज 2025 के जजों ने इसे “विशाल और डूबने लायक” उपन्यास बताया, जो भारतीयों की विदेश और देश वापसी की कहानियों को जोड़ता है। इसमें “मैजिकल रियलिज्म, सोशल नॉवेल और लव स्टोरी” का अनोखा मिश्रण है।

साहित्य जगत की प्रतिक्रिया

भारतीय और अंतरराष्ट्रीय साहित्यिक समुदाय में इस खबर को लेकर जबरदस्त उत्साह है। कई साहित्य समीक्षकों का मानना है कि किरण देसाई का यह नया काम उनके करियर की एक और ऐतिहासिक उपलब्धि साबित हो सकता है।

इस साल की लॉन्गलिस्ट

किरण देसाई के अलावा, इस साल की लॉन्गलिस्ट में भारत, मलेशिया, यूक्रेन, त्रिनिदाद और टोबैगो, अल्बानिया, हंगरी, यूके, अमेरिका और कनाडा के लेखक शामिल हैं। कुल 13 किताबों में से दो डेब्यू नॉवेल हैं Endling (मारिया रेवा) और Misinterpretation (लेडिया झोगा)।

बुकर्स प्राइज 2025 की शॉर्टलिस्ट 17 सितंबर को आएगी, और फाइनल विजेता का नाम 11 नवंबर को लंदन में घोषित होगा। विजेता को £50,000 (करीब 50 लाख रुपये) और बाकी शॉर्टलिस्टेड लेखकों को £2,500 (करीब 2.5 लाख रुपये) दिए जाएंगे।

19 साल का लंबा इंतजार आखिरकार खत्म हुआ है, और किरण देसाई ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि सच्चा साहित्य वक्त की सीमाओं से परे होता है। उनकी नई किताब ने न सिर्फ उनके साहित्यिक करियर में एक नया अध्याय जोड़ा है, बल्कि भारतीय साहित्य को फिर से अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में ला खड़ा किया है।

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